कहानी की शुरुआत: टॉपर छात्रा से क्रिकेटर तक
दिल्ली की लड़कियों में से एक लड़की — प्रतीका रावल — ने न केवल बोर्ड परीक्षा में 92.5% अंक हासिल किए, बल्कि आज वह भारतीय महिला टीम की शुरुआती सलामी बल्लेबाज बनी हुई है।
उनका शैक्षिक सफर भी काफी प्रेरणादायक है: उन्होंने जेसस एंड मैरी कॉलेज, दिल्ली से मनोविज्ञान की पढ़ाई की। उनकी यह पसंद — “मानव मन को समझने का जिज्ञासा” — आज क्रिकेट में भी उनकी सबसे बड़ी ताकत बनकर सामने आई है।
जब उन्होंने वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ भारत की महिला टीम में पदार्पण किया (22 दिसंबर 2024 को), तभी यह साफ हो गया था कि वे सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं — बल्कि सोचने-समझने वाली एक खिलाड़ी होंगी।
मनोविज्ञान + क्रिकेट: अनूठा मिश्रण
प्रतीका ने बताया है कि मनोविज्ञान की पढ़ाई ने उन्हें मानसिक दृढ़ता, आत्मसंवाद (self‑talk) और दबाव में शांत रहने की कला सिखाई है।
“मैच से पहले और दौरान मैं खुद से कहती हूँ — ‘तुम बहुत बेहतर हो, तुम यह कर सकती हो’ — यह आत्मविश्वास बनाए रखने में मदद करता है।”
इसके अलावा, वह कहती हैं कि विरोधी गेंदबाजों की मंशा पढ़ने की कोशिश और उनकी रणनीतियों को पूर्वानुमानित करने की प्रवृत्ति — यह सब उनकी मनोविज्ञान की पढ़ाई से मजबूत हुई है।
इस तरह, उनका क्रिकेट खेलने का दृष्टिकोण सिर्फ “शारीरिक” नहीं रहा — बल्कि “मानसिक युद्धक्षेत्र” भी बन गया, जहां सोच ने बल्ले के हर शॉट को दिशा दी है।
रिकॉर्ड, पारियाँ और ग्लोरी
उनके करियर में कुछ क्षण ऐसे हैं जो इतिहास में दर्ज हो जाएंगे — और नहीं, यह मीडिया हाइप नहीं, बल्कि तथ्यों पर आधारित है:
- अप्रैल 2025 में, उन्होंने महिला वनडे क्रिकेट में सबसे तेज़ 500 रन पूरे किए — केवल 8 पारियों में।
- उसी सीरीज में उन्होंने लगातार पांच वनडे मैचों में अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड हासिल किया, मिताली राज और एलीज़ पेरी के जैसी सामाजिक मुकाम के साथ।
- 15 जनवरी 2025 को, उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ पहला शतक (154 रन, 129 गेंदों में) लगाया। इस पारी में उन्होंने 20 चौके और 1 छक्का जड़ा।
- इस पारी में, उन्होंने स्मृति मंधाना के साथ 233 रन की पार्टनरशिप बनाई, जो टीम को शानदार शुरुआत प्रदान करने वाली साझेदारी रही।
- इस शतकीय पारी के कारण, उन्हें “म्यूज़िक स्टूडेंट टर्न स्टार क्रिकेटर” की छवि लगातार मजबूत होती गई।
इन उपलब्धियों ने न केवल क्रिकेट फैंस को चौंका दिया, बल्कि आलोचकों को भी यह स्वीकार करने पर मजबूर कर दिया कि यह सिर्फ शुरुआत है।
विवाद? जुर्माना भी!
हर सितारे की राह आसान नहीं होती। जुलाई 2025 में, ट्रिपल-वनडे श्रृंखला के एक मैच के बाद, आईसीसी ने प्रतीका रावल और इंग्लैंड की महिला टीम को आचार संहिता उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया। Times Now Navbharat हालांकि इस घटना के विवरण (कैसा उल्लंघन हुआ, कितनी राशि जुर्माना हुई) अभी मीडिया में पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुए हैं।
वर्तमान स्वरूप और आगे की दिशा
2025
के मध्य तक, प्रतीका रावल ने लगभग 19 वनडे
मैचों में 870 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 154
है।
उनका स्ट्राइक रेट भी लगभग 83.65 है
— यह संकेत है कि वे
शॉट लगाने में भी सहज हैं, न
कि सिर्फ रन बनाकर सुरक्षित रहने में।
हाल ही में, उन्होंने यह बयान दिया कि स्मृति मंधाना के साथ उनके बीच “स्वाभाविक समझ” है, और उन्हें अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता नहीं महसूस होती जब दोनों सलामी बल्लेबाज़ी करते हैं।
एक और ताज़ा चर्चा सोशल मीडिया पर यह रही कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में एक बेधड़क 64 रन की पारी खेली — इस पारी में उन्होंने मेग लैनिंग के किसी रिकॉर्ड को भी छूने की बात सुनी गई। फैंस इस पारी को नई शुरुआत की संज्ञा दे रहे हैं।
निष्कर्ष
प्रतीका रावल न केवल एक क्रिकेटर हैं — वह एक ऐसा खिलाड़ी हैं जो “मन” और “माइंड” को अपने खेल से जोड़ती हैं। उनकी सफलता इस तथ्य का प्रमाण है कि खेल सिर्फ अंग-शक्ति का संघर्ष नहीं; मानसिक दृढ़ता, रणनीति और शांति का मेला है।
इस सफर ने दिखाया कि पढ़ाई और खेल विरोधी नहीं; बल्कि एक-दूसरे को संबल दे सकते हैं।
अब सवाल यह है — आने वाले समय में वह और कौन-कौन से
रिकॉर्ड बनाएँगी? और
क्या वह टीम इंडिया की दीर्घकालीन आधारशिला बन पाएंगी?
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